Art of the Indus Valley Civilization

आदिकाल की चित्रकला

सिन्धु घाटी सभ्यता की कला (3,500 ई.पू. से 2,500 ई.पू.) भारतवर्ष में ईसा से 4,000 वर्ष पूर्व से लेकर ईसा से 3,000 वर्ष ई. पूर्व के मध्य चीन से लेकर […]

कला अध्ययन का स्त्रोत

कला अध्ययन के स्रोत का अभिप्राय उन साधनों से हैं, जो प्राचीन कला के इतिहास को जानने में सहायक हों। भारतीय चित्रकला के अध्ययन स्त्रोत निम्न श्रेणियों में विभक्त किये […]

भारतीय चित्रकला की विशेषताएं

यह सर्वविदित है कि भारतीय चित्रकला एवं अन्य कलाएँ दूसरे देशों की कलाओं से भिन्न हैं और भारतीय कलाओं की कुछ ऐसी महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ हैं, जो अन्य देशों की कला […]

भारतीय कला और संस्कृति का परस्पर संबंध

कला मानव संस्कृति की उपज है। इसका उदय मानव को सौन्दर्य भावना का परिचायक है। इस भावना की वृत्ति व मानसिक विकास के लिए ही विभिन्न कलाओं का विकास हुआ […]

बंगाल शैली के चित्रों का अध्ययन

अध्ययन के लिए चुने गए इस शैली के चित्र- चित्र का नाम : यात्रा का अंत चित्रकार : अवनीद्रनाथ टैगोर माध्यम 3 कागज पर जलरंग समय 1937 ईसवी काल : […]

बंगाल चित्र शैली

परिचय लंबे औपनिवेशिक शासन में भारतीय चित्रकला व उससे संबंधित संग्रहों को भारी क्षति पहुंचाई गई। यूरोपीय चित्रकारों व आलोचकों ने अपनी कला और उसकी विशेषताओं को श्रेष्ठ सिद्ध करने […]

दक्कनी लघुचित्र शैली

उदय एवं विकास दक्कनी कला का आशय उन लघुचित्रों से है, जो 16वीं सदी से लेकर 19वीं सदी की कालावधि में बीजापुर, गोलकुडा, अहमदनगर एवं हैदराबाद आदि राज्यों में बहुलता […]

मुगल लघुचित्र शैली

उदय एवं विकास मुग़लकालीन लघुचित्र कला को मध्ययुगीन भारत में कुलीन वर्ग को कला समझा जाता था। ‘मुगल कला’ सल्तनतकालीन एवं दक्कन के आरंभिक मुस्लिम शासकों की ‘इस्लामी कला’ से […]

पहाड़ी लघुचित्र शैली

उदय एवं विकास पहाड़ी लघुचित्र शैली का उदय 1690 ई० के आसपास रावी नदी के तट पर स्थित पहाड़ी राज्य बसोहली में हुआ था। बाद में गुलेर, चंबा, मंडी, कांगड़ा, […]

राजस्थानी लघुचित्र शैली

उदय एवं विकास राजस्थानी लघुचित्र शैली 15वीं सदी के आरंभ में, राजस्थान के मेवाड़ (उदयपुर) क्षेत्र में जैन कल्पसूत्र शैली के लघुचित्रों की रचना हुई। इन कला चित्रों में हम […]

Six genres of Indian painting

भारतीय चित्रकला की छह विधाएँ 200 से 300 ईसवी के मध्य वात्स्यायन ने अपने से पूर्व के सभी महत्वपूर्ण ग्रंथों का अध्ययन करके शास्त्रोचित विधाओं का सार ‘कामसूत्र’ नामक अपने […]

Miniature – Rise and Development of Painting in India

किसी राष्ट्र को प्रगति एवं विकास का मूल्यांकन कुछ मापकों / मापदंडों के आधार पर किया जाता है; जैसे वहाँ के नागरिकों को मिलनेवाली राजनैतिक स्वतंत्रता, उनके आर्थिक विकास का […]

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